नहीं चाहिए साइज जीरो महिलाएं
बहुत दुबला होने के खिलाफ महिलाओं में जागरूकता
फैलाने वाली एक वेबसाईट "प्राउडटूबीमी" के निदेशक क्लेयर मैस्को कहती हैं
बहुत दुबली महिलाएं मीडिया में कम दिखें यह फायदेमंद है.
दुनिया भर में बहुत दुबली पतली
या साइज़ जीरो महिलाओं के खिलाफ बहस जिस तरफ़ का रुख ले रही है उससे
विशेषज्ञों को लगता है कि आने वाले दिनों में हालात खराब होंगे.
गत सप्ताह इसरायल ने एक कानून पास कर देश में
विज्ञापनों या फैशन शोज़ में बेहद दुबली महिलाओं को दिखाने पर पाबंदी लगा
दी. इसरायल ने यह कदम स्वस्थ महिलाओं को देखादेखी में बेहद दुबला होने की
प्रवृति से बचाने के लिए उठाया है.
इस कानून को बनाने वालों में से एक राशेल अदातो का कहना है "सामान्य से कम वज़न खूबसूरत नहीं होता."
व्यापक बहस
हाल के सालों में दुनिया भर इस बात पर बहस हो रही
है कि मीडिया में किस तरह की महिलाओं को ज़्यादा तव्वजो दी जा रही है. चाहे
वो बहुत ही दुबली महिलाएं हों या फिर वो किसी पत्रिका के कवर पर छपी कोई
मॉडल जिसे कंप्यूटर की कारीगरी से बहुत ही दुबला पतला दिखाया गया हो.
ऐसे समय में जब बहुत ज़्यादा दुबला या साइज़ जीरो रहने की इच्छुक महिलाएं इंटरनेट पर एक दूसरे से संपर्क साध रहीं हो कई देशों में लोग सुंदर दिखने की इस अस्वास्थ्यकारी चाह से निपटने के तरीके सोच रहे हैं.
वो कहती हैं "मीडिया में केवल एक ही तरह की
महिलाओं को सुंदर बताया जाना खतरनाक है. कई सारे लोगों को अपनी तरह के शरीर
वाले लोग मीडिया पर कहीं नहीं दिखें तो ये गलत बात है."
आपत्ति
लेकिन कई ऐसे भी विशेषज्ञ हैं जो कि इसरायल के कदम को गलत मानते हैं और कहते हैं कि यह चीज़ों को और अधिक खराब कर देगा.
कई पत्रिकाओं के संपादक और फैशन से जुड़े का कहना
है कि वो और विविध शरीरों वाले लोगों को इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन
बाज़ार उन्हें ऐसा नहीं करने देता.
सौन्दर्य पर एक किताब लिखने वाली अमंदा मीयर्स कहती हैं यह कानून हर तरह के शरीर को बढ़ावा नहीं देता.
उनके अनुसार बढ़ावा इस बात को देना चाहिए कि लोग प्राकृतिक रूप से अलग अलग शरीर की बनावट वाले होते हैं.
'द बॉडी मिथ' नामक किताब के लेखक डॉ मैंने का कहना
है कि बहुत दुबली औरतों पर निशाना साध कर हम व्यक्तियों पर हमला कर रहे
हैं मानसिकता पर नहीं. लोग प्राकृतिक रूप से भी बहुत दुबले हो सकते हैं.